ऐसा तेरा प्यार सखी री, ऐसा तेरा प्यार
जैसे शीतलता चन्दन की
अरू
चंद्रिका धवल चंद्र की
भर दे तन-मन में उजियारा
जिसकी
किरण हज़ार |
ऐसा तेरा प्यार ......
पंछी उड़ता नील गगन में
सारे
जग की पीड़ा मन में
पर पीड़ित का मन बहलाने
गाए
गीत मल्हार |
ऐसा तेरा प्यार ......
अपने मृदु अंचल में ढक कर
धरती
के जलते अधरों पर
चुम्बन दे स्पंदित करती
सावन
की मस्त फुहार |
ऐसा तेरा
प्यार ......
यह जग है इस मन का दर्पण
अपना
आप देखता है मन
औरों के पावन कर्मों में
खोजे
कलुष विकार |
ऐसा तेरा प्यार ......
जग ने किसको गले लगाया
जनक-सुता
को भी ठुकराया
जब तक धरती फट ना जाए
खड़ी रहे हर
सीता लाचार |
ऐसा तेरा प्यार ......
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