Tuesday 2 October 2012


    फिर से आजा गाँधी   

 
सारे भारत का प्यारा , जन-मन का राज दुलारा

तू फिर से आजा गाँधी, ये देश बुलाए सारा

 

गुलामी की जंजीरे, सब तूने तोड़ गिराई

सम्बल था सच्चाई का, लाठी ना तोप चलाई

झुक गया तेरे कदमों पर दुश्मन का लश्कर सारा

तू फिर से आजा गाँधी....

 
सारी दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया

सब दीन-दुखी दलितों को था अपने गले लगाया

मन में थी माँ सी ममता, पतितों का बना सहारा

तू फिर से आजा गाँधी....

 
क्यों राजघाट पर सोया, गहरी निद्रा मुर्दानी

हम तुम्हें जगाने आए, उठ जाग अमर बलिदानी

धरती पर फिर से चमके, भारत का नया सितारा

तू फिर से आजा गाँधी, ये देश बुलाए सारा....

तू फिर से आजा गाँधी...

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